Tuesday, 9 September 2014

भारतीय परमवीर योद्धा वीर अब्दुल हमीद को नमन्

10 सितम्बर 1965 के दिन भारत पाकिस्तान युद्ध के समय सुबह 8 बजे पाकिस्तानी सेना की पैटन टैंक रेजिमेंट ने खेमकरन सेक्टर के चीमा गाँव के निकट धावा बोल दिया और धुआंधार गोलाबारी करते हुए पाक सेना काफी अंदर तक घुसते हुए चली आ रही थी। हालात की गंभीरता को भांपते हुए कंपनी क्वार्टर मास्टर हवलदार अब्दुल हमीद आरसीएल गन अपनी जीप पर लगा कर अकेले ही  पाकिस्तानी टैंकों के सामने आ गये। सेना के बेस्ट शूटर वीर अब्दुल हमीद ने एक के बाद एक कई पाकिस्तानी टैंकों को तबाह कर दिया। पाक सैनिक वीर अब्दुल हमीद की दिलेरी देख कर घबरा गये। और दुश्मन सैनिकों ने मिलकर उनकी जीप को निशाना बना लिया था लेकिन गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद वीर अब्दुल हमीद ने मोर्चा नहीं छोड़ा। उनके साहस और वीरता ने पाकिस्तानी सेना को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। और अंत में वीर अब्दुल हमीद वीर गति को प्राप्त हो गये। उनके शहीदी दिवस पर हम वीर अब्दुल हमीद को नमन करते हैं।
जय हिन्द।
शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले...
वतन पर मिटने वालों का यही बाक़ि निशां होगा...

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