अर्न्तराष्ट्रीय
बालिका अधिकार सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली सेवा की गर्ल राइट
एम्बेसड़र एंव पत्रकार अर्चना यादव ने मुन्ना लाल ङिग्री की छात्राओं से मुलाकात
के दौरान संयुक्त राष्ट्र संघ के उन प्रयासों के विषय में बताया जो एशिया में
बालिकाओं की स्थिति में सुधार लाने के लिए किये जा रहे हैं । उन्होने बताया कि
बच्चियों के खिलाफ होने वाले अपराधों को रोकने के लिये हम सब एक मंच पर आकर अपनी
आवाज़ बुलंद करें। अर्चना ने अपने विस्तृत सम्बोधन में बालिकाओं के साथ होने वाले
घरेलू अपराध, हिंसा, रेप और खासकर महिला और बच्चियों
की तस्करी का मुद्दा उठाया। उन्होने वहां मौजूद बालिकाओं से आह्वान किया कि
वो चुप ना रहे अपने साथ होने वाली ज़्यादतियों के खिलाफ आवाज़ उठायें। उन्होने कहा
कि आप लोगों के चुप रहने का दौर अब खत्म हो चुका है। अब बोलने की बारी है।
सेवा और
पीएसएफ की पीआरओ श्रीमती नीना धींगरा ने छात्राओं को बताया कि सेवा और पीएसएफ दो
ऐसे गैर लाभकारी संगठन हैं जो बिना किसी आर्थिक सहायता के पांच सालों से महिलाओं
और बच्चों के अधिकारों के लिये काम कर रहे हैं। उन्होने कहा कि आज भी हमारे समाज
में बाल विवाह के मामले उजागर होते रहते हैं जो आधुनिक युग में भी हमें सोचने के
लिए मजबूर करते हैं। जरूरत आधुनिक पहनावे और परिवेश की ही नही बल्कि सोच बदलने की
भी है।
इस मौके
पर मुन्ना लाल डिग्री कॉलेज में संचालित हेड्स टीसीआईएल प्रोजेक्ट इंजार्च शैली, कम्प्यूटर प्रशिक्षक हेमा शर्मा, सुषमा शर्मा के अलावा सुरैय्या, शिवांगी, रुकैय्या, पलक, शिवा, प्रीति रेशमा, प्रवीन, रितुल, अन्जली, रजनी, सायमा, समरीन, शाज़िया, अनु, वर्षा आदि छात्राओं की उपस्थिति
उल्लेखनीय रही।
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