Tuesday, 21 April 2015

Girl Rights Event at Gyan Kalash International School

Smart Education and Welfare Association (SEWA) and Parvez Sagar Foundation (PSF)  India the partners in India of Asian Girl Campaign apprised girl students of Gyan Kalash International School of their rights. The organizations, working incessantly for the last 6 years in the field of women’s and children’s rights, implored the parents to pay attention to the proper moral education and upbringing of their girl child to ensure their better future.

The program, organized at Gyan Kalash International School, Ambala Road, inaugurated by Commissioner Sre Division Mr. Tanveer Zafar Ali, IAS as chief guest. Mr. Ali Said “We should know about our social values. If we know and follow our Indian social values, then crime against women will be less. ” senior IAS Mr. TZ Ali appreciates efforts of SEWA & PSF India. He congratulate to Mr. Parvez Sagar for his social work.

The Education icon of west UP Dr. YK Gupta stressed the need for education and safe environs for children and women since these things are their fundamental rights. She referred to the efforts being made by SEWA and PSF for the education of children whose parents don’t have the means for providing education to their children. She implored the parents to send the children to schools.

Parvez Sagar, well known TV News personality and founder of SEWA & PSF India, expressed his disgust that violence against women was continuing in till date despite great efforts by various organisations and law against it. He said that violence against women is serious issue that has been taken by our organisation. He told the gathering that SEWA and PSF have undertaken a massive drive “Chuppi Tod, Halla Bol” to bring awareness in various districts of U.P. to sensitize people about the rights of women under which large scale events have been organised in Agra, Lucknow and Barabanki and now it was the turn of Uttrakhand along with Ferozabad, Mathura and Unnao.

PCS officer Swati Jain said that crimes against women and children within the four walls of houses are far more than outside. She also told the audience about the danger of smuggling of children outside country for various criminal intents.

Archana Yadav, a scribe and ambassador of girl’s rights called upon the audience to come out of their archaic thinking which states that girls won’t be safe outside the boundary of their house.


On this occasion, M. Tanveer (Monu) the coordinator of SEWA & PSF thanked to Mr. Commissioner, Management of Gyan kalash international School, Students and all volunteers for their cooperation. Principal DM Rawat, Teachers Mrs. Santosh, Mrs. Saba Mutaza, Tarun Kumar, Suraiya Maalik, Rukaiya, Khushbu were spotted. The program was conducted by Mrs. Santosh & Mr. Rawat. In the end of event, guest plants trees in school campus

Saturday, 7 March 2015

सेवा और पीएसएफ ने मनाया महिला दिवस

सहारनपुर। प्रख्यात सामाजिक संगठन स्मार्ट एजुकेशन एण्ड वैलफेयर एसोसिएशन (रजि.) सेवा और परवेज़ सागर फॉउन्डेशन (पीएसएफ) ने महिला दिवस की पूर्व संध्या पर महिलाओं और बालिकाओं से अपने अधिकारों के प्रति जागरुक होने का आह्वान किया। दोनों संस्थाओं ने नगर के एक कम्प्यूटर संस्थान की छात्राओं को महिला दिवस की महत्ता और महिला अधिकारों के बारे में बताया। छात्राओं को एशियन गर्ल कैम्पेन और 'चुप्पी तोड़, हल्ला बोल'अभियान के बारे में जानकारी भी दी गई।

भारत में एशियन गर्ल कैम्पेन की पार्टनर स्मार्ट एजुकेशन एण्ड वैलफेयर एसोसिएशन (रजि.) सेवा और परवेज़ सागर फॉउन्डेशन (पीएसएफ) ने महिला दिवस पूरे उत्साह के साथ के मनाया। चिलकाना रोड़ स्थित एक कम्प्यूटर प्रशिक्षण संस्थान में आयोजित कार्यक्रम की शुरूआत राष्ट्रगीत से की गई। 

इस मौके पर सेवा के समन्व्यक एम.तनवीर 'मोनू' ने कहा कि हर साल पूरी दुनिया में महिला दिवस मनाया जाता है लेकिन उसके बावजूद महिलाओं के प्रति होने वाली हिंसा में कमी नहीं आ रही है। यहां तक समाज में रहने वाली कई महिलाएं अपने अधिकारों को लेकर आवाज़ तक नहीं उठाती। वे जुर्म सहती रहती हैं जिससे उनके प्रति अपराध को बढावा मिलता है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के प्रति हिंसा बंद होनी चाहिए। उन्हें समाज में समान अधिकार प्राप्त हैं। ज़रूरत इस बात की है कि महिलाएं शिक्षित हों, अपने अधिकारों के प्रति जागरुक हों। आवाज़ उठाएं, अपने हक़ के लिए लड़ें। तभी महिला दिवस का मतलब सार्थक होगा। तनवीर ने छात्राओं से आह्वान किया कि वे खुद भी जागरुक हों और अपने आस-पास की महिलाओं को भी जागरुक करें।

सेवा और पीएसएफ की जनसम्पर्क अधिकारी श्रीमती नीना ने छात्राओं को दोनों संस्थाओं के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सेवा और पीएसएफ दो ऐसे गैर लाभकारी संगठन हैं जो बिना किसी आर्थिक सहायता के छः सालों से महिलाओं और बच्चों के अधिकारों और उनकी शिक्षा के लिये काम कर रहे हैं। महिलाओं और बालिकाओं के साथ होने वाले घरेलू अपराध और हिंसा चिंता का विषय है। उन्होने छात्राओं से आह्वान किया कि वे चुप ना रहें अपने साथ होने वाली ज़्यादतियों के खिलाफ आवाज़ उठायें। अब चुप रहने का दौर खत्म हो चुका है। अब बोलने की बारी है।

संस्थान की अध्यापिका शैली त्यागी ने इस मौके पर लड़कों के समकक्ष लड़कियों के घटते लिंग अनुपात पर चिन्ता ज़ाहिर की। उन्होने कहा महिलाओं को सम्मान देने वाले समाज का निर्माण करने की जरूरत है। कार्यक्रम के अंत में सेवा और पीएसएफ की और से कम्प्यूटर संस्थान के प्रबंधन का आभार जताया गया। इस अवसर पर शीतल, प्रियंका, रुकैय्या, सुरैय्या, संगीता, हेमलता,पूजा, स्वाति आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। संचालन शैली त्यागी ने किया।

Sunday, 22 February 2015

बाल श्रम समाज के लिए शर्म की बात- परवेज़ सागर

भारत में एशियन गर्ल कैम्पेन के पार्टनर के तौर पर काम करने वाली प्रख्यात सामाजिक संस्था स्मार्ट एजुकेशन एण्ड वैलफेयर एसोसिएशन “सेवा और परवेज़ सागर फॉउन्डेशन पीएसएफ ने सेवा निशुल्क शिक्षा केन्द्र के छात्रों को बाल अधिकारों से अवगत कराया। महिलाओं और बच्चों के अधिकारों को लेकर पिछले छः वर्षों से सफलता पूर्वक कार्य करने वाली दोनों संस्थाओं ने अभिभवाकों से आह्वान किया कि वे अपनों बच्चों को उचित शिक्षा और पालन पोषण दें। ताकि उनका भविष्य उज्जवल और स्वस्थ हो।
पुराना कलसिया रोड स्थित सेवा निशुल्क शिक्षा केन्द्र परिसर में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम का शुभारम्भ बच्चों ने राष्ट्रगीत से किया। दिल्ली से आए सेवा और पीएसएफ के संस्थापक और जाने-माने टीवी पत्रकार परवेज़ सागर ने बच्चों के लिए किए जा रहे उनके प्रयासों की चर्चा करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के जिलों में बाल मजदूरी आज भी बदस्तूर जारी है। ऐसे में बच्चों के स्वस्थ भविष्य की कल्पना भी नहीं की जा सकती। ऐसे में सेवा और पीएसएफ राज्य के सभी जनपदों में जाकर बाल अधिकारों के प्रति लोगों को जागरूक करने की मुहीम चला रही है. सहारनपुर के अलावा आगरा, लखनऊ और बाराबंकी में बड़े पैमाने पर कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। अब आगे फिरोजाबाद, मथुरा, उन्नाव में संस्था जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करेगी. उन्होंने बताया कि महिलाओं के प्रति होने वाली हिंसा के खिलाफ उनका अभियान चुप्पी तोड़, हल्ला बोल भी सफलता पूर्वक चल रहा है.
लखनऊ से आई सेवा की बालिका अधिकार दूत और पत्रकार अर्चना यादव ने कहा कि हम सभी को बच्चों और बालिकाओं के लिये नये सिरे से सोचने की ज़रुरत है। क्योंकि हमें लगता है कि वो घर में सुरक्षित हैं जबकि बच्चों और बालिकाओं के साथ सबसे ज़्यादा अपराध घरों में हो रहे हैं। अर्चना ने अपने सम्बोधन में कहा कि ज़रुरत इस बात की है कि हम जागरूकता की शुरुआत अपने घरों से करें। जब घर का माहौल और संस्कार ठीक होगें तभी अच्छे समाज का निर्माण होगा। बच्चों और नारी का सम्मान होगा। अर्चना यादव ने कहा कि सेवा और पीएसएफ ऐसे गैर लाभकारी संगठन हैं जो बिना किसी राजकीय आर्थिक सहायता के छः सालों से महिलाओं और बच्चों के अधिकारों और उनकी शिक्षा के लिये काम कर रहे हैं। अर्चना ने अपने सम्बोधन में बच्चों और बालिकाओं के साथ होने वाली हिंसा और बच्चों की तस्करी के मुद्दे को पुरज़ोर तरीके से उठाया। उन्होने वहां मौजूद बच्चों से आह्वान किया कि स्कूल जाना न छोड़ें।
सेवा की जनसम्पर्क अधिकारी नीना धींगरा ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये कहा कि घर हो या स्कूल सभी जगहों पर बच्चों को बेहतर और सुरक्षित माहौल मिलना चाहिये क्योंकि ये उनका बुनियादी हक हैं। उन्होंने सभी वर्गों के बच्चों की शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि शिक्षा सभी बच्चों का अधिकार है. साथ ही अच्छा स्वासथ भी उनका संवैधानिक अधिकार है. लेकिन इन सबसे अंजान लोग बच्चों के साथ ज्यादती करते हैं. उनसे बालमजदूरी कराते हैं जो एक अपराध है. नीना ने बताया कि उनकी संस्था कई बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने का काम कर रही है। अब सेवा और पीएसएफ शिक्षा और बालअधिकार जागरुकता के कार्यक्रमों का आयोजन ग्रामीण क्षेत्रों में करने की योजना भी बना रही है। उन्होंने सभी अभिभावकों से बच्चों को स्कूल भेजने की अपील।
सेवा के समन्व्यक एम. तनवीर (मोनू) ने इस मौके पर बच्चों और बालिकाओं के लिए किए जा रहे कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं उन्हें बेहतर कल देना हमारा फर्ज है। ज़रूरत है इस बात कि हम सभी मिलकर उनके बेहतर कल की नीव रखें।

इससे पूर्व नीना धींगरा ने लखनऊ से आयी अतिथि अर्चना यादव को एक पौधा भेंट कर उनका स्वागत किया। इस दौरान जूडो एवं मार्शल आर्ट ट्रेनर महराब के छात्रों ने बच्चों को आत्मरक्षा के गुर भी सिखाए. सेवा निशुल्क शिक्षा केन्द्र के प्रबंधक एम. तबरेज ने अर्चना यादव समेत सभी मेहमानों का आभार जताया. इस अवसर पर आयशा, नम्रा, अरजान, इजान, तरूण कुमार, उम्रा, प्रवीन कुमार, अलका, तराना, अलकमा, मुस्कान, रिहान, हिमांशु, मनोज, मनीजत सिंह मन्नी, बिलाल, फारूख, तौसीफ आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। संचालन एम. तबरेज ने किया।

Saturday, 18 October 2014

अपने अधिकारों के लिये चुप्पी तोड़, हल्ला बोल- अर्चना

सहारनपुर। प्रदेश की प्रख्यात सामाजिक संस्था स्मार्ट एजुकेशन एण्ड वैलफेयर एसोसिएशन (रजि.) सेवा और परवेज़ सागर फॉउन्डेशन की गर्ल राइट एम्बेसड़र और युवा पत्रकार अर्चना यादव ने सहारनपुर पंहुच कर मुन्ना लाल डिग्री कॉलेज की छात्राओं से मुलाकात की।
अर्न्तराष्ट्रीय बालिका अधिकार सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली सेवा की गर्ल राइट एम्बेसड़र एंव पत्रकार अर्चना यादव ने मुन्ना लाल ङिग्री की छात्राओं से मुलाकात के दौरान संयुक्त राष्ट्र संघ के उन प्रयासों के विषय में बताया जो एशिया में बालिकाओं की स्थिति में सुधार लाने के लिए किये जा रहे हैं । उन्होने बताया कि बच्चियों के खिलाफ होने वाले अपराधों को रोकने के लिये हम सब एक मंच पर आकर अपनी आवाज़ बुलंद करें। अर्चना ने अपने विस्तृत सम्बोधन में बालिकाओं के साथ होने वाले घरेलू अपराध, हिंसा, रेप और खासकर महिला और बच्चियों की तस्करी का मुद्दा  उठाया। उन्होने वहां मौजूद बालिकाओं से आह्वान किया कि वो चुप ना रहे अपने साथ होने वाली ज़्यादतियों के खिलाफ आवाज़ उठायें। उन्होने कहा कि आप लोगों के चुप रहने का दौर अब खत्म हो चुका है। अब बोलने की बारी है।
सेवा के चुप्पी तोड़, हल्ला बोल कार्यक्रम को प्रमोट करने के लिये लखनऊ से आयी अर्चना यादव ने छात्राओं के सवालों के जवाब भी दिये। इस दौरान उन्होने यूपी पुलिस की 1090 सेवा के बारे में भी छात्राओं को बताया।
सेवा और पीएसएफ की पीआरओ श्रीमती नीना धींगरा ने छात्राओं को बताया कि सेवा और पीएसएफ दो ऐसे गैर लाभकारी संगठन हैं जो बिना किसी आर्थिक सहायता के पांच सालों से महिलाओं और बच्चों के अधिकारों के लिये काम कर रहे हैं। उन्होने कहा कि आज भी हमारे समाज में बाल विवाह के मामले उजागर होते रहते हैं जो आधुनिक युग में भी हमें सोचने के लिए मजबूर करते हैं। जरूरत आधुनिक पहनावे और परिवेश की ही नही बल्कि सोच बदलने की भी है।
जागरुकता कैम्पेन को सहारनपुर में संचालित कर रहे एम.तनवीर मोनू ने भी छात्राओं को अत्याचारों के खिलाफ आवाज़ उठाने के लिये प्रेरित किया। उन्होने बताया कि हमारा ये अभियान पूरे प्रदेश में जारी रहेगा। हम अलग अलग जनपदों में जाकर बालिकाओं को जागरुक करने का काम करेंगे।
इस मौके पर मुन्ना लाल डिग्री कॉलेज में संचालित हेड्स टीसीआईएल प्रोजेक्ट इंजार्च शैली, कम्प्यूटर प्रशिक्षक हेमा शर्मा, सुषमा शर्मा के अलावा सुरैय्या, शिवांगी, रुकैय्या, पलक, शिवा, प्रीति रेशमा, प्रवीन, रितुल, अन्जली, रजनी, सायमा, समरीन, शाज़िया, अनु, वर्षा आदि छात्राओं की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।




Saturday, 11 October 2014

सेवा ने सहारनपुर में मनाया बालिका अधिकार दिवस

सहारनपुर। सेवा और पीएसएफ ने यूनाइटेड़ नेशन के आह्वान पर इस बार भी इंटरनेशनल डे आफ दी गर्ल्स पूरे जोश के साथ मनाया। स्मार्ट एजुकेशन एण्ड वैलफेयर एसोसिएशन (रजि.) सेवा और परवेज़ सागर फॉउन्डेशन के तत्वावधान में शहर के मुन्नालाल डिग्री कॉलेज में एक कार्यक्रम आयोजित कर बालिकाओं के अधिकारों से जुड़े मुद्दों पर बात की गयी।
      कार्यक्रम की शुरुआत करते हुये सेवा की पीआरओ नीना धींगरा ने बताया कि सेवा और पीएसएफ दो ऐसे गैर लाभकारी संगठन हैं जो बिना किसी आर्थिक सहायता के पांच सालों से महिलाओं और बच्चों के अधिकारों और उनकी शिक्षा के लिये काम कर रहे हैं। उन्होने बताया कि सेवा और पीएसएफ वर्ष 2012 से इंटरनेशनल डे आफ दी गर्ल्स पूरी दुनिया के साथ-साथ लगातार मनाती आ रही है। इस आयोजन के माध्यम से ये कोशिश की जाती है कि बच्चियों के खिलाफ होने वाले अपराधों को रोकने के लिये हम सब एक मंच पर आकर अपनी आवाज़ बुलंद करें। नीना ने बालिकाओं से आह्वान करते हुये कहा कि वो अपने खिलाफ होने वाले अपराधों और अत्याचारों को सहने के बजाय आवाज़ उठायें ताकि लोगों तक उनकी आवाज़ पहुंचे और उन्हे उनका हक मिले।
श्रीमती धींगरा ने बताया कि एशियन गर्ल कैम्पेन पार्टनर होने के साथ-साथ उनकी संस्था सेवा और पीएसएफ निरन्तर महिलाओं और बालिकाओं के हक की आवाज़ उठाती रहेगी। उनके मुताबिक हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि ये है कि हम हम पिछले पांच सालों से निरन्तर बिना किसी सरकारी आर्थिक सहायता के शिक्षा, बालिका अधिकार और समाजसेवा के काम कर रहे हैं।
      संस्था के कॉरडिनेटर एम. तनवीर मोनू ने कहा कि आज के समाज में ज़रुरत इस बात की है। महिलाओं और बच्चियों की इज्ज़त करना सीखाना घर से शुरु होना चाहिये। किसी भी काम की शुरुआत घर से ही होनी चाहिये। क्योंकि आज के समाज में बच्चियां घर में भी महफूज़ नही होती।

      इस मौके पर मुन्ना लाल डिग्री कॉलेज की पीसीआईएल प्रोजेक्ट इंजार्च शैली, कम्प्यूटर प्रशिक्षक हेमा शर्मा, सुषमा शर्मा के अलावा सुरैय्या, शिवांगी, रुकैय्या, पलक, शिवा, प्रीति रेशमा, प्रवीन, रितुल, अन्जली, रजनी, सायमा, समरीन, शाज़िया, अनु, वर्षा आदि छात्रओं ने बढ़-चढ़ कर भागेदारी की। 

Thursday, 2 October 2014

सेवा की नई उपलब्धि, अर्चना को मिला सम्मान

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की प्रख्यात सामाजिक संस्था स्मार्ट एजुकेशन एण्ड वैलफेयर एसोसिएशन (सेवा) की उपलब्धियों में एक उपलब्धि और जुड़ गयी। सेवा को भारत में एशियन गर्ल्स कैम्पैन पार्टनर के तौर पर एशियन ह्यूमन गर्ल्स राइटस् कान्फ्रेंस में भारत का प्रतिनिधित्व करने का अवसर दिया गया। यही नही कान्फ्रेंस के दौरान बनी स्टेटमेन्ट कमेटी में बेहतर प्रदर्शन करने के लिये सेवा की गर्ल राइट अम्बेसड़र अर्चना यादव को सम्मानित भी किया गया।
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, आगरा, लखनऊ समेत एनसीआर में सर्व शिक्षा, बालिका अधिकार, महिला स्वावलम्बन और स्वास्थ जागरुकता आदि के लिये काम करने वाली संस्था सेवा के सराहनीय कार्यों से प्रभावित होकर 2012 में गार्ड़न ऑफ होप फॉउन्डेशन, ताईवान ने एशियन गर्ल कैम्पेन के लिये भारत में अपना पार्टनर बनाया था। तभी से सेवा ने एशियन गर्ल कैम्पेन को सार्थक बनाने के लिये कई आयोजन किये। सेवा के कार्यों और सकारात्मक सोच के चलते ही भारत में पहली बार आयोजित किये गये एशियन ह्यूमन गर्ल्स राइटस् कान्फ्रेंस में सेवा को भारत की और से प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला।  
पंजाब यूनीवर्सिटी में 29 सितम्बर से 1 अक्टुबर 2014 तक आयोजित इस कान्फ्रेंस में एशियाई देशों के प्रतिनिधि शामिल हुये। कान्फ्रेंस के दौरान बालिका अधिकारों और उनके प्रति होने वाली हिंसा पर गहरी चिन्ता व्यक्त की गयी। सेवा के संस्थापक एंव देश के वरिष्ठ टीवी पत्रकार परवेज़ सागर ने अपने भाषण में भारतीय बालिकाओं की स्थिति को उजागर करने के साथ-साथ बालिका अधिकारों के प्रति लोगों को जागरुक करने में टेलीवज़न की भूमिका पर प्रकाश डाला। कान्फेंस के दौरान श्रोताओं ने श्री सागर के भाषण की सराहना की। यही नही कान्फ्रेंस की स्टेटमेन्ट कमेटी में बतौर सदस्य शामिल सेवा की गर्ल राइट अम्बेसड़र अर्चना यादव को उनके बेहतर प्रदर्शन के लिये गार्ड़न ऑफ होप फॉउन्डेशन की ओर से सम्मानित किया गया। ब्रिटेन से आये एन्थॉनी कारलिसले ने उन्हे कान्फ्रेंस हाल के मंच पर तालियों के बीच सम्मानित किया। सम्मान पाने के बाद उत्साहित सेवा की गर्ल राइट अम्बेसड़र अर्चना यादव ने कहा कि वो शुक्रगुज़ार हैं सेवा की और गार्ड़न ऑफ होप फॉउन्डेशन की जिन्होने उनके काम को सम्मान देकर उनकी हौंसला अफज़ाई की है। उन्होने कहा कि उनकी संस्था सेवा और पीएसएफ निरन्तर महिलाओं और बालिकाओं के हक की आवाज़ उठाती रहेगी। अर्चना के मुताबिक हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि ये है कि हम हम पिछले पांच सालों से निरन्तर बिना किसी सरकारी आर्थिक सहायता के शिक्षा, बालिका अधिकार और समाजसेवा के काम कर रहे हैं।

स्मार्ट एजुकेशन एण्ड वैलफेयर एसोसिएशन (सेवा) और अर्चना की इस उपलब्धि पर संस्था के पदाधिकारियों और स्वंयसेवियों ने हर्ष जताया है। संस्था की इस उपलब्धि पर लखनऊ, आगरा और सहारनपुर समेत कई शहरों के समाजसेवियों और बुद्धिजीवियों ने अपनी शुभकामनाऐं दी हैं। स्मार्ट एजुकेशन एण्ड वैलफेयर एसोसिएशन (सेवा) अपने सहयोगी संगठन पीएसएफ के साथ मिलकर जल्द ही तीसरे सेवा एक्सीलेन्स अवार्ड़ का आयोजन करने जा रही है। इस समारोह के दौरान बालिका शिक्षा और विकास पर आधारित एक सेमीनार भी आयोजित किया जायेगा। इस आयोजन में देश के कई जाने-माने लोग भागेदारी करेंगे।

Tuesday, 9 September 2014

भारतीय परमवीर योद्धा वीर अब्दुल हमीद को नमन्

10 सितम्बर 1965 के दिन भारत पाकिस्तान युद्ध के समय सुबह 8 बजे पाकिस्तानी सेना की पैटन टैंक रेजिमेंट ने खेमकरन सेक्टर के चीमा गाँव के निकट धावा बोल दिया और धुआंधार गोलाबारी करते हुए पाक सेना काफी अंदर तक घुसते हुए चली आ रही थी। हालात की गंभीरता को भांपते हुए कंपनी क्वार्टर मास्टर हवलदार अब्दुल हमीद आरसीएल गन अपनी जीप पर लगा कर अकेले ही  पाकिस्तानी टैंकों के सामने आ गये। सेना के बेस्ट शूटर वीर अब्दुल हमीद ने एक के बाद एक कई पाकिस्तानी टैंकों को तबाह कर दिया। पाक सैनिक वीर अब्दुल हमीद की दिलेरी देख कर घबरा गये। और दुश्मन सैनिकों ने मिलकर उनकी जीप को निशाना बना लिया था लेकिन गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद वीर अब्दुल हमीद ने मोर्चा नहीं छोड़ा। उनके साहस और वीरता ने पाकिस्तानी सेना को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। और अंत में वीर अब्दुल हमीद वीर गति को प्राप्त हो गये। उनके शहीदी दिवस पर हम वीर अब्दुल हमीद को नमन करते हैं।
जय हिन्द।
शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले...
वतन पर मिटने वालों का यही बाक़ि निशां होगा...